Janmashtami 2025 Date And Time और श्री कृष्ण के जन्म उत्सव का महत्व

Janmashtami हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है, जो भगवान श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाता है। इस वर्ष, 2025 में Janmashtami 29 अगस्त, शुक्रवार को मनाई जाएगी।

Janmashtami 2025
Janmashtami क्या है?                                                                                                Janmashtami भगवान श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव है, जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। कृष्ण जी के जीवन में उनकी अद्भुत शिक्षाएं और लीला (क्रीड़ा) ने भारतीय संस्कृति और धर्म को गहरे तरीके से प्रभावित किया।इस दिन को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है, जिसमें मंदिरों और घरों में पूजा, भजन-कीर्तन, नृत्य और अन्य धार्मिक अनुष्ठान होते हैं

Janmashtami 2025 Date And Time:

तिथि: शुक्रवार, 29 अगस्त 2025

अष्टमी तिथि: 29 अगस्त को 5:31 PM से 30 अगस्त को 6:47 PM तक।

रोहिणी नक्षत्र: भगवान श्री कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि को हुआ था, जब रोहिणी नक्षत्र विशेष रूप से प्रभावी था। इसीलिए इस दिन का सबसे शुभ समय मध्यरात्रि को माना जाता है।

Janmashtami 2025 के लिए सर्वोत्तम समय:

Janmashtami की मुख्य पूजा मध्यरात्रि के समय होती है, क्योंकि यही वह क्षण है जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। अतः उपवासी रहकर पूजा और आराधना इस समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है।

  • Janmashtami की पूजा विधि: इस दिन लोग उपवासी रहते हैं और मध्यरात्रि के समय भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं। घरों और मंदिरों को सजाया जाता है, और श्रद्धालु कीर्तन (भजन-गायन) और डांडिया (नृत्य) करते हैं।

  • विशेष पूजाएं: कई लोग इस दिन पूजा और आरती का आयोजन करते हैं। प्रसिद्ध मंदिरों में कृष्ण जी की मूर्तियों को सजाया जाता है और भक्त उनकी स्तुति करते हैं।

Janmashtami 2025 कैसे मनाएं:

  1. उपवासी रहना और पूजा करना: इस दिन उपवासी रहकर भगवान श्री कृष्ण की पूजा और भजन-कीर्तन किए जाते हैं। श्रद्धालु विशेष रूप से दूध, फल, और शाकाहारी भोजन करते हैं।

  2. घर और मंदिर सजाना: लोग घरों और मंदिरों को रंगीन दीपों और फूलों से सजाते हैं। कृष्ण जी की मूर्ति को पालने में रखकर उनकी पूजा की जाती है।

  3. दही हांडी: महाराष्ट्र और अन्य कई राज्यों में दही हांडी का आयोजन किया जाता है, जहां लोग एक मानव पिरामिड बनाकर मटका तोड़ते हैं, जो कृष्ण जी के माखन चोरी करने की क्रीड़ा का प्रतीक है।

  4. भजन और कीर्तन: श्री कृष्ण के भक्त इस दिन विशेष भजन और कीर्तन गाते हैं, और कृष्ण जी के दिव्य नामों का जप करते हैं।

  5. कृष्ण लीला: कई स्थानों पर भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं और उनके जीवन पर आधारित नाटकों का मंचन किया जाता है।

Janmashtami का महत्व:

Janmashtami का धार्मिक महत्व बहुत गहरा है। भगवान श्री कृष्ण के जन्म का यह पर्व अच्छाई की बुराई पर विजय और आत्मिक उत्थान का प्रतीक है। भक्तों का विश्वास है कि इस दिन पूजा करने से उन्हें श्री कृष्ण के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि मिलती है।

निष्कर्ष:

Janmashtami 2025, 29 अगस्त को एक शुभ और पवित्र दिन है। इस दिन को श्रद्धा और भक्ति से मनाना, श्री कृष्ण के जीवन के आदर्शों को अपनाने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का एक शानदार अवसर है। चाहे आप उपवासी रहते हुए पूजा करें या परिवार और दोस्तों के साथ उत्सव मनाएं, यह दिन भगवान कृष्ण के दिव्य संदेश को याद करने और जीवन में उनके मार्गदर्शन को अपनाने का है

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